वर्ल्ड साईकल डे पर जानिए साईकल से जुड़े कुछ अनोखे व मजेदार फैक्ट:

World Cycle day

3 जून मतलब विश्व साईकल दिवस. साल 2018 में इस दिन को विश्व साईकल दिवस के रूप में चुना गया। जब संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार अप्रैल में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72 वें नियमित सत्र के दौरान एक प्रस्ताव अपनाया । इस को 193 से अधिक सदस्य राज्यों द्वारा अपनाया गया था।

साल 1990 तक अच्छे वक़्त में रही साईकल धीरे धीरे इस्तेमाल में कम होने लगी इसी बात को ध्यान में रखते हुए
अमेरिका के मोंटगोमरी कॉलेज के प्रोफेसर लेस्‍जेक सिबिल्‍सकी ने इस दिन को मनाने के लिए याचिका प्रस्तुत की।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस दिवस को मनाने के पीछे सदस्य राज्यों को विभिन्न विकास रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करने और अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, उपराष्ट्रीय, क्षेत्रीय विकास नीतियों और कार्यक्रमों में साइकिल को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करना है. इसके अलावा, पैदल यात्री सुरक्षा और साइकिल चालन की सुरक्षा को भी बढ़ावा देना है।

विश्व साईकल दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट कर महात्मा गांधी से साईकल चलाने की प्रेरणा लेने को कहा है। वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम से 750 सायकल सवारों के साथ साईकल चलाएंगे।

आइए विश्व साईकल दिवस पर जानते हैं साईकल से जुड़े कुछ अनोखे तथ्य और फायदे:

● साल 1791 में दुनिया की पहली साईकल का अविष्कार हुआ , लकड़ी के एक पट्टे पर दोनों ओर पहिया लगी इस साईकल को ज़मीन पर पैर से धक्के दे कर आगे बढ़ाना होता था।

● साल 1817 में जर्मनी में बनी एक मैन्युअल मशीन ‘Draisine’ ( ड्रेजिन) , जर्मनी के कार्ल वॉन द्रेज ने इसे ईजाद किया था। इसे चलाने के लिए भी पैरों से धक्के मारने पड़ते थे।

● साल 1817 में में बैरन ने साईकल के अगले पहिये पर हैंडल दिए जिस से हॉबी हॉर्स का अविष्कार हुआ।

● साल 1839 में एक सकॉटिश व्यक्ति जिसका नाम किटपेट्रिक मैकमिलन था ने साईकल के पिछले पहिये में क्रेंक एवं ट्रेडिल जोड़कर इस दिशा में बहुत बड़ा काम कर दिया आज के वक़्त में अब मैकमिलन को ही साईकल का अविष्कारक कहा जाता है। इन्होंने पहली बार दुपहिया वाहन को अस्तित्व में लाया।

● साइकल में पैडल के पुर्जे एक प्रयोग के तौर पर साल 1863 में जोड़े गए यह प्रयोग सफल हुआ और साईकल का उपयोग हद से ज़्यादा बढ़ने लगा।

● 1869 में लोहे के पहियों की जगह मजबूत रबर के पहिये इस्तेमाल किये गये यही वो साल था जब पहली बार बायसाईकल शब्द का प्रयोग हुआ।

● 1896 में साईकल में कॉस्टर ब्रेक जोड़ दिए गए ये सुरक्षा के लिहाज से लगाये गए थे और इन्होंने साईकल को पूर्ण रूप दिया।

साईकल चलाने से होने वाले फायदे भी कम नहीं हैं, ये पर्यावरण के साथ ही मानव शरीर के लिए भी आवश्यक हैं आइए जानते हैं इस से होने वाले फायदे:

● साइकिलिंग से वजन कम करने में मदद मिलती है।
● हृदय रोग की संभावनाओं में कमी।
● टाइप 2 डायबिटीज़ कम करने में सहायक।
● मांसपेशियों में मजबूती
● स्ट्रेस कम करने में सहायक।
● प्रदूषण में कमी।
● ईंधन की बचत।

हमारी तरफ से इस विश्व की सायकल दिवस पर आप सभी को शुभकामनाएं, आप भी साईकल का हाथ थामें और पर्यावरण एवं सेहत के प्रति सजग हों।

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