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गांजा: दिमाग में कैसे असर करता है ? जानिए इसके नुकसान और कुछ फायदे।

दुनिया भर  में हज़ारों साल से गांजे का सेवन किया जाता रहा है. अथर्व वेद में इसकी गिनती 5 महान पौधों में हुई है.

भारत में 1985 से पहले इसमें कोई रोक टोक नहीं थी. फिर राजीव गांधी की सरकार 1985 में NDPS (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) Act लेकर आई. तब गांजे पर बैन लग गया.

फ्रांस के लोग आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए गांजा का सेवन करते है। दुनिया का सबसे बेहतरीन ( Best ) गांजा मलाना हिल्स हिमाचल में ऊगता है।

गांजे को लेकर कई तरह की बातें कही जाती हैं. गांजे के नुकसान बताने वालों के साथ इसके फायदों का जिक्र करने वालों की संख्या भी अच्छी-खासी है. इसके साथ-साथ बीते कई सालों से देश में गांजे पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की भी मांग की जाती रही है. दुनिया के कई हिस्सों में इसे लीगल कर दिया गया है.

गांजा क्या होता है – What is Marijuana in hindi

गांजा को कई नामों से जाना जाता है जैसे – मैरुआना, वीड, हर्ब, पॉट, ग्रास, बड, माल, गंजा, मैरी जेन और ऐसे ही कई अन्य सांकेतिक शब्द भी उपयोग किए जाते हैं। लेकिन ये सब गली मोहल्ले वाले नाम है. Iska scientific nam hai (केनेबिस).

यह एक पौधा होता है जिसकी इसकी कई वैराइटी होती हैं, जिनमें से दो नस्ल बहुत फेमस हैं- Cannabis Sativa और Cannabis Indica.

गांजा वास्तव में कैनबिस सैटाइवा नामक पौधे के सूखे फूलों, पत्तियों, तने और बीजों का एक हरे-भूरे रंग का मिश्रण है। कैनाबिस को हेम्प भी कहा जाता है

कैनेबिस को हिंदी में भांग का पौधा कहते हैं. और इस पौधे से तीन ड्रग तैयार होते हैं- गांजा, भांग और चरस.

1. गांजा कैनेबिस के फूलों से तैयार किया जाता है. आमतौर इन्हें जलाकर इसके धुएं को अंदर लिया जाता है. स्मोक किया जाता है. लेकिन इसे खाने और घोलकर पीने के तरीक़े भी होते हैं.

2. चरस कैनेबिस के पौधे से निकले रेज़िन से तैयार होती है. रेज़िन यानी पेड़-पौधों से जो चिपचिपा मटेरियल निकलता है वो. हिंदी में इसे राल कहते हैं. चरस को ही हशीश या हैश भी कहते हैं.

3. भांग कैनेबिस की पत्तियों और बीजों को पीसकर बनती है. फिर इसे सुविधा के मुताबिक़ लोग खाते या पीते हैं.

गांजा पीने के प्रभाव – Weed effects on body in hindi

गांजा पीने के प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग हो सकते हैं जैसे कि कुछ लोग अधिक खुशी महसूस करते हैं, अधिक बोलने लगते हैं और सामान्य से कम आत्म-जागरूकता महसूस कर सकते हैं, जबकि अन्य लोग नींद, उल्टी, खुद पर कम नियंत्रण या इन सब का मिला-जुला असर महसूस कर सकते हैं। 

कैनबिस पौधे में आप के दिमाग में परिवर्तन करने की क्षमता होती है। इस पौधे में सैकड़ों ऐसे केमिकल होते हैं, इन में से दो केमिकल स्पेशल होते हैं- THC और CBD. जिनमें नशे की लत लगाने वाले प्रभाव होते हैं, जहां एक तरफ THC नशा बढ़ाता है तो वहीं दूसरी ओर CBD, THC के प्रभाव को कम करता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि CBD लोगों की घबराहट को कम करने में काफी मदद करता है. 

ये सीधे  दिमाग में प्रभाव डालते है. हाई करते हैं. आम भाषा में कहे तो हाई यानी इनसे जो नशा चढ़ता है, उसे हाई होना कहते हैं. जिनता ज़्यादा THC, उतना ज़्यादा हाई होंगे.

दिमाग पर क्या असर पड़ता है?

जब गांजे में THC की मात्रा CBD की मात्रा से ज्यादा हो,  ये इंसान को उस वक्त हिलाकर रख देती है . जब कोई इंसान गांजा स्मोक करता है तो THC खून के साथ हमारे दिमाग तक पहुंच जाता है और गड़बड़ करने लगता है. इसके बारे में थोड़ा और जानने की कोशिश करते हैं. ये तो आपको मालूम ही होगा कि हमारा दिमाग अपना सारा काम न्यूरॉन्स की मदद से करता है और गांजा पीने के बाद न्यूरॉन्स ही कंट्रोल से बाहर हो जाता है.

जब कोई गांजा फूंकता है, तो उसके खून से होते हुए ये कैनेबिनॉइड दिमाग तक पहुंच जाते हैं. दिमाग़ के जिन हिस्सों में कैनेबिनॉइड रिसेप्टर्स की मात्रा ज़्यादा होती है, उन हिस्सों में ज़्यादा असर होता है. 

जब THC और CBD जैसे कैनेबिनॉइड दिमाग़ के हिस्सों में जाते हैं, तो इनसे जुड़े हमारे ब्रेन के फंक्शन प्रभावित होते हैं. जैसे कि शॉर्ट-टर्म मेमोरी, को-ऑर्डिनेशन, लर्निंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग. लोगों को प्लेज़र भी महसूस होता है, यानी मज़ा आता है. टाइम पर्सेप्शन हिल जाता है. ये सब इफेक्ट्स हर किसी के लिए अलग-अलग होते हैं. लेकिन ये सब तो फूंकने के दौरान होता है. यानी शॉर्ट-टर्म इफेक्ट्स हैं. गांजा फूंकने के लॉन्ग टर्म इफेक्ट्स क्या हैं. इसके नुकसान क्या हैं?

गांजा पीने के नुकसान – Ganja ke side effect in hindi

गांजा फूंकने से होने वाले नुकसान पर बहुत लिमिटेड रिसर्च है. इसके अवैध होने के कारण. ये अलग-अलग लोगों पर अलग असर करता है. लेकिन एक बात पक्की है. कम उम्र में गांजे सेवन करने वालों का ब्रेन बुरी तरह प्रभावित हो सकता है. जब तक हम 20 साल के नहीं होते, हमारा दिमाग़ पूरी तरह डेवेलप नहीं होता. कई स्टडीज़ में पाया गया है कि टीन-एज यानी किशोर अवस्था में गांजा फूंकने वालों की कॉग्निटिव एबिलिटी पर बुरा असर पड़ सकता है.

  • यदि आप लंबे समय तक वीड या गांजा का उपयोग करते रहते हैं, तो आप को सांस के रोग हो सकते हैं। आपकी याददाश्त प्रभावित हो सकती है और वास्तव में आप प्रेरणा विहीन महसूस कर सकते हैं। इससे आपका काम, आपका सामाजिक जीवन और परिवार के रिश्ते भी प्रभावित हो सकते हैं।
  • शोधकर्ताओं को फेफड़े, सिर या गर्दन में कैंसर और मारिजुआना से धूम्रपान के बीच कोई लिंक नहीं मिला है। हालांकि कुछ सीमित सबूत बताते हैं कि अधिक मारिजुआना के उपयोग से एक प्रकार का टेस्टिकुलर कैंसर  हो सकता है।
  • नियमित मारिजुआना का उपयोग आपमें लगातार खांसी  और कफ का कारण बन सकता है। जब आप धूम्रपान बंद कर देते हैं तो वे फिर से ठीक हो सकते हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि मारिजुआना अस्थमा  या क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज  का कारण बन सकता है या नहीं।
  • गर्भवती होने पर मारिजुआना से धूम्रपान करने वाली महिलाओं के पैदा होने वाले शिशु का वजन कम होने की आशंका रहती है। शिशु बहुत जल्दी पैदा हो सकते हैं, जिससे उन्हें नियोनेटल इंटेंसिव देखभाल की आवश्यकता होती है।

गांजा के फायदे – Benefit of Marijuana on health in hindi

कैनाबिस पौधे का सैकड़ों वर्षों से दवा के रूप में उपयोग होता रहा हैं। शोधकर्ता कैनाबीडियोल (सीबीडी) के संभावित लाभों का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। कैनाबीडियोल मारिजुआना में पाया जाने वाला एक कैनाबीनोइड है, जिसके विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज में रोगी के दिमाग पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होते हैं।

Research के अनुसार दवा के रूप में कैनाबिस निम्नलिखित स्थितियों में मदद कर सकते हैं –

  • मैरुआना का ग्लूकोमा के इलाज  के लिए उपयोग होता है क्योंकि मैरुआना आंख में आंतरिक दबाव को कम करता है। यह 70 के दशक में शोध से साबित हुआ था। मारिजुआना इस बीमारी  की प्रगति को धीमा करके अंधेपन  से बचाता है। 
  • मैरुआना मिर्गी  के संबंध में भी काफी मदद कर सकता है। मिर्गी वाले चूहों को मारिजुआना का अंश दिया गया था और नतीजे बताते हैं कि इस दवा ने 10 घंटों तक दौरे को रोका।
  • मैरुआना तंत्रिका तंत्र के विकारों से ग्रसित लोगों की सहायता करने का भी एक शानदार तरीका है। 
  • मैरुआना में पाया जाने वाला सीबीडी कैंसर फैलने से रोक सकता है क्योंकि यह आईडी -1 नामक जीन को निष्क्रिय कर देता है। आईडी -1 जीन वह जगह है जहां कैंसर कोशिका अधिक प्रतियां बना सकती है और रोगी के शरीर में तेजी से फैल सकती है।
  • चिंता, अवसाद, तनाव, अनिद्रा की समस्या  कम हो सकती है। 
  • गहरी नींद के आसान उपाय
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