उदास मनये ज़र्द पतझड़तुम्हारी यादें शाम उतरीनीलापन समेटेकिसने डसा? खाली कमरासरसराती हवाजैसे आहट बेजान आँखेंसूनी रहगुज़रप्रतीक्षारत सावन आयामगर तुम नहींफीका सावन मुमकिन हैतुम्हारा लौट आनाझूटा दिलासा सियाह माज़ीपीले पड़ते ख़तबे-रंग हिज्र सूखते फूलशोक संतप्त वृक्षविरह गीत अनु

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