Maniklal Khushwaha मानिक लाल कुशवाहा, ये वह नाम है जिसे वृहद क्षेत्र में नहीं जाना जाता। ये वह नाम है जिसे कभी मीडिया कवरेज नहीं मिली जबकी हम उस दौर में हैं जहाँ रातों रात ऐरे गैरे सेलिब्रिटी बन जाते हैं। ये वह नाम है जिसे कभी बड़े-छोटे मंच से सम्मानित नहीं किया गया।
मानिक लाल कुशवाहा मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के ब्यौहारी तहसील के निवासी हैं। मानिक लाल जी विगत 25 वर्षों से पर्यावरण के संरक्षण यथा-वृक्षारोपण, नई पौध के क्यारियों का रख-रखाव, पौधों को दीमक से बचाव के कार्य, छोटे पौधों की सिंचाई एवम यातायात को सुगम बनाने के लिए कार्य यथा- सड़क के दोनों तरफ साफ-सफाई, खरपतवार-पन्नी का निस्तारण सड़क के दोनों तरफ के पेढ़ों को गेरू और चूने से रंगाई, सड़क पर बन चुके गढ्ढों की पटाई इत्यादि अपने पैसे से एवम परिश्रम से निस्वार्थ भाव से करते हैं।
मानिक लाल जी उपरोक्त कार्य के एवज में किसी से कोई आर्थिक मदद, व्यक्तिगत लाभ या मान-सम्मान की चाह नहीं रखते। यहाँ तक कि उनका परिवार उनके इस कार्य से खिन्न रहता है। उनके परिजनों का मानना है कि यदि इतनी मेहनत मानिक लाल परिवार के लिए करें तो परिवार कि उन्नति होगी। जबकि मानिक लाल जी ने नवोदय जनतांत्रिक पार्टी के शहडोल संभाग के अध्यक्ष एवम प्रवक्ता श्री अमित पांडेय जी के साथ हुई चर्चा में यह अमूल्य बात कही कि मैंने परिवार के हर बच्चे को अपने पैरों पर खड़ा कर दिया है अब उनकी जवाबदारी है कि वे अपने जीवन को आगे कैसे ले जाते हैं। मेरा बाकी का जीवन राष्ट्र और पर्यावरण को समर्पित रहेगा।
मानिक लाल कुशवाहा जी की के अथक मेहनत का ही नतीजा है कि रीवा रोड के किनारे लगभग 22 कि. मी. तक साफ सफाई और खुशहाल पेड़ यात्रियों को सुखद अनुभूति प्रदान करते हैं।
मानिक लाल जी किसी सम्मान की अपेक्षा नहीं रखते पर यह हमारे सरकार का कर्तव्य है कि समाज से ऐसे व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें सम्मानित किया जाना चाहिए ताकि समाज और देश हित मे और लोग सामने आ सकें।।
~श्री अमित पांडेय जी
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