Kargil Vijay Diwas: 26 जुलाई यानि कारगिल विजय दिवस. साल 1999 में आज के दिन ही भारतीय सेना ने ‘आपरेशन विजय’ को सफलता पूर्वक अंजाम दिया था. और इसी दिन की याद में हर बरस 26 जुलाई के दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.
Kargil Vijay Diwas: जब पीठ में घोंपा गया छूरा
साल 1999 की फ़रवरी की 20 तारीख़ को अटल बिहारी बाजपेयी हिंदुस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों को बेहतरी के लिए लाहौर की बस यात्रा के लिए जाते हैं. उधर अटल पाकिस्तान से बेहतर रिश्तों के लिए पाकिस्तान पहुंचे और इधर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने भारत की उन ऊंचे बंकर पर कब्ज़ा कर लिया जिन्हें भारतीय सेना ठंड में छोड़ देती थी.
घुसपैठ की पहली जानकारी चरवाहों ने दी भारतीय सेना को
कारगिल में इस घुसपैठ की पहली जानकारी वहाँ मौजूद चरवाहों ने भारतीय सेना को दी थी जानकारी देने वाले चरवाहे का नाम ताशी नामग्याल था. घुसपैठिये ऊंचाई पर थे और बहुत आराम से भारतीय सेना पर नज़र रखे हुए थे.
3 मई 1999 को भारतीय सेना ने गश्त के दौरान पहली बार घुसपैठ का पता लगाया. द्रास काकसार और मश्कोह सेक्टर में भारतीय सेना को इनकी हरकतें दिख गई.
5 मई को एक पेट्रोलिंग पार्टी को घुसपैठ की जानकारी लेने के लिए भेजा गया. पांच भारतीय सैनिकों को इन घुसपैठियों ने पकड़ लिया और यहां इन्हें इतना टॉर्चर किया गया कि वे शहीद हो गए. शहीद होने वाले कैप्टन सौरभ कालिया इसी दल में थे.
9 मई के रोज़ इन पाकिस्तानी घुसपैठियों ने बहुत गोलीबारी की , कारगिल में मौजूद बाहरतीय शस्त्रों को इस हमले से बहुत नुकसान हो गया.
26 मई के रोज़ भारतीय वायुसेना ने इन घुसपैठियों पर हमला कर दिया. 27 मई के दिन भारतीय वायुसेना ने अपने दो फाइटर प्लेन गंवा दिए. इन्हीं में से एक में फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता भी थे. 28 मई को एक और विमान को गिराया गया इसमें 4 वायु सैनिक शामिल थे जो शहीद हो गये.
Kargil Vijay Diwas: भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर हमला बोला
दिन बढ़ रहे थे. 1 जून को भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर हमला बोला. 6 जून को भारतीय सेना ने कारगिल सेक्टर में अपना सैन्य बल और बढ़ा दिया. अब भारतीय सेना ने 9 जून को बाल्टिक सेक्टर पर दो महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्ज़ा कर लिया.13 जून को द्रास सेक्टर पर तोलोलिंग पहाड़ी को भी वापस अपने कब्जे में भारतीय सेना ले आई.
29 जून के दिन भारतीय सेना ने टाइगर हिल के नज़दीक की दो महत्वपूर्ण पोस्ट – पॉइंट 5060 और पॉइंट 5100 पर कब्जा वापस से ले कर पाकिस्तानियों को खदेड़ दिया.
4 जुलाई को भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर कब्ज़ा किया. और 7 जुलाई को जुबर हिल्स भी भरतबके कब्जे में आ गई. 11 जुलाई को पाकिस्तान ने अपने कदम पीछे लेने शुरू कर दिए और भारत ने बची चोटियों पर भी कब्ज़ा करना शुरू कर दिया.
14 जुलाई को अटल बिहारी बाजपेयी ने आपरेशन विजय को सफ़ल घोषित किया और पाकिस्तान के साथ बात चीत को शर्तों के साथ मंजूर किया. 26 जुलाई को यह युद्ध औपचारिक रूप से समाप्त हो गया.
इस युद्ध मे भारत ने अपने 500 से ज़्यादा सैनिकों को खो दिया. जिनमें कप्तान मनोज पांडेय, कैप्टेन विक्रम बत्रा, कैप्टन अनुज नायर, मेजर पद्मपाणि, कैप्टेन विजयन्त थापर और ऐसे ही न जाने कितने युवा अपने देश के लिए शहीद हो गए.
आज 26 जुलाई को ऑपरेशन विजय दिवस के सफल होने पर कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. हम उन शहीदों के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं जिन्होंने माँ भारती के लिए अपने प्राण त्याग दिए.
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