‘हम रहे या ना रहें कल, कल याद आएंगे ये पल…’, मौत से कुछ देर पहले ही Singer KK ने गाया था ये गाना
इंस्टाग्राम पर पिछले कुछ दिनों से एक ट्रेंड चल पड़ा है POV ट्रेंड, इस ट्रेंड में आप को किसी पॉइंट ऑफ व्यू से देखने को कहा जाता है।
हम भी आपको एक POV बताते हैं जो नास्टैल्जिया की गारन्टी देता है POV : कि आप 1999 में हैं और “तड़प तड़प के इस दिल से आह निकलती रही” सुन रहे हैं. कैसा महसूस हुआ? के के की आवाज़ में गाया हुआ ये गाना बिना बजाए ही सुनाई दे गया न? लाखों लोगों की प्लेलिस्ट में ये गाना लूप पर सुना गया, सुन कर लोग रोते ,अपने प्यार को याद करते , जिन के प्यार नहीं थे वे भी रोए, क्योंकि इस गाने को गाने वाले कि आवाज़ में हर उस शख्स का दर्द था जो इसे सुनता।
इस गाने को गाने वाला शख्स कृष्णकुमार कुन्नाथ यानी हर दिल अजीज़ के के कल रात इस दुनिया को अलविदा कह गए। 53 बरस के हो चुके के के कोलकाता के एक कॉन्सर्ट में थे जहाँ उन्हें असहज महसूस हुआ और हॉस्पिटल ले जाते वक्त उन की मृत्यु हो गई।
के के ने एक लंबे वक्त तक बॉलीवुड इंडस्ट्री पर राज किया, नौजवानों के लिए के के के गाने कभी हीलिंग पिल्स हुआ करते तो कभी यही गाने उन्हें रोने पर मजबूर करते।
माचिस फ़िल्म का गाना “छोड़ आये हम वो गलियां” आज भी वांडर्लस्ट लोगों की प्लेलिस्ट में कहीं न कहीं रहता है।
आज जब हर छोटी चीज़ के लिए एक एंथम तैयार हो जाता है उस वक़्त में के के ने दोस्तों को उनकी दोस्ती के लिए एंथम दिया जिसे सुन कर , बजा कर, गा कर तमाम दोस्तो ने अपनी दोस्ती का इज़हार किया। बताने ज़रूरत नहीं कि आप समझ गए होंगे कि मैं ” यारों दोस्ती बड़ी ही हसीन है” की बात कर रहा हूँ।
गैंगस्टर: अ लव स्टोरी के गाने “तू ही मेरी शब है” हज़ारों प्यार करने वालों के लिए इज़हार का ज़रिया बना। बड़े होते हुए मैंने ये सारे गाने सुने थे और महसूस किए थे। मेरे जैसे कितने ही हैं जिनके लिए के के के और उनकी जादुई आवाज़ किसी दवा सी थी।
के के ने ऐसे बहुत से गाने गाए हैं जो आपकी मेरी प्लेलिस्ट में अब भी शुमार हैं, दिल क्यों ये मेरा शोर करे, ज़रा सी दिल में दे जगह, क्या मुझे प्यार है, आंखों में तेरी, तू जो मिला, बीते लम्हें , चले जैसे हवाएं और ऐसे ही सैकड़ों गाने।
के के ने हिंदी के अलावा बंगाली, तमिल, तेलुगु आदि फिल्मों में भी गाने गाए हैं, उनके परिवार में उनकी एक पत्नी और दो बच्चे हैं।
के के का जाना हिंदी फिल्म जगत और संगीत जगत का एक बड़ा नुकसान है जिसकी भरपाई बेहद मुश्किल है, के के का जाना हमारे बड़े होते हुए वक़्त की यादों का एक हिस्से का कम होना है। के के अपने गानों में हमेशा याद किये जायेंगे और इन्हीं गानों में ज़िंदा रहेंगे, उनकी ज़िंदा आवाज़ कभी नहीं थमेगी, वो लूप कभी नहीं रुकेगा जिस पर मैं अब भी ” बीते लम्हें” सुन रहा हूँ।
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