पढ़िए अनु द्वारा रचित हाइकू : हाइकू

Haiku

उदास मन
ये ज़र्द पतझड़
तुम्हारी यादें

शाम उतरी
नीलापन समेटे
किसने डसा?

खाली कमरा
सरसराती हवा
जैसे आहट

बेजान आँखें
सूनी रहगुज़र
प्रतीक्षारत

सावन आया
मगर तुम नहीं
फीका सावन

मुमकिन है
तुम्हारा लौट आना
झूटा दिलासा

सियाह माज़ी
पीले पड़ते ख़त
बे-रंग हिज्र

सूखते फूल
शोक संतप्त वृक्ष
विरह गीत

अनु

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