27 साल पहले साल 1995 में विंडोज 95 के साथ माइक्रोसॉफ्ट का शुरू किया गया इंटरनेट एक्स्प्लोरर अब बन्द होने जा रहा है। माइक्रोसॉफ्ट ने फ़ैसला लिया है कि 30 नवम्बर के बाद से माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी इंटरनेट एक्स्प्लोरर को सपोर्ट देना बंद कर देगी। पूरे विश्व मे अब महज 5 फीसदी से भी कम लोग इंटरनेट एक्सप्लोरर का इस्तेमाल करते हैं।
कब शुरू हुआ था इंटरनेट एक्स्प्लोरर
दुनिया में इंटरनेट एक्सप्लोरर को आये हुए 27 साल हो चुके हैं। 16 अगस्त 1995 को यह ब्राउजर दुनिया में रिलीज़ किया गया था। इंटरनेट एक्सप्लोरर सर्वप्रथम विण्डोज़ 95 के साथ लाया गया था।
इंटरनेट के शुरुआती दौर में कम लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते थे। इस ब्राऊजर के आने के बाद इंटरनेट का इस्तेमाल करना आसान हो गया था। जानकारी हासिल करनी हो या फिर सोशल मीडिया का इस्तेमाल सब कुछ इसी ब्राउजर के जरिये होता था। 2003 तक इंटरनेट एक्सप्लोरर दुनिया में टॉप पर हुआ करता था। इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों में से लगभग 95 फीसदी लोग इंटरनेट एक्सप्लोरर का ही इस्तेमाल करते थे। इंटरनेट एक्स्प्लोरर ने दुनिया में इंटरनेट क्रांति ला दी थी।
एक वक़्त पर यह ब्राउज़र बहुत से ज़रूरी कामों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा था मसलन पुलिस प्रशासन को इस ब्राउज़र से रिकॉर्ड निकालने में आसानी होती थी, छात्रों ने इसका इस्तेमाल अपनी पढ़ाई के लिए भी काफ़ी किया। आज भी कई सरकारी संस्थाओं और वित्त विभागों में इस ब्राउज़र का इस्तेमाल किया जाता है। बाद के दिनों में जब इंटरनेट के क्षेत्र में सोशल मीडिया के रूप में क्रांति आई तो फेसबुक जैसे मंच के लिए लोग इस ब्राउज़र का और भी ज़्यादा इस्तेमाल करने लगे।
आखिर क्यों बंद हो रहा है इंटरनेट एक्सप्लोरर
दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ब्राऊजर आखिर क्यों किया जा रहा है बंद?, यह जानने के लिए हमे यह जानना होगा कि इसके फीचर्स क्या हैं और साथ ही फीचर्स में आखिर कमी कहाँ आई?
तमाम लैपटॉप और कम्प्यूटर में यह फीचर “इंटरनेट एक्सप्लोरर” इनबिल्ट होता है यानि कि इसे इनस्टॉल करने की जरूरत नही होती है। और इस ब्राउजर का दुर्भाग्य यह कि बदलते वक्त के साथ इसका इस्तेमाल अत्यंत कम होने लगा।
अब लोग इसका इस्तेमाल कर अन्य ब्राउजर इंस्टॉल करते हैं और फिर दोबारा कभी इस ब्राउजर का इस्तेमाल नही करते। जबकि अन्य ब्राऊजर जैसे गूगल क्रोम ने अपने फीचर्स में आये दिन अपडेट किये हैं जिससे यूज़र्स को इंटरनेट उपयोग करने में आसानी हो और वो इंटरनेट का ज्यादा से ज्यादा लाभ पा सकें। यही कारण है कि इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों में से 66 फीसदी लोग क्रोम का इस्तेमाल करते हैं । वहीं एप्पल के सफ़ारी को 16.65 प्रतिशत और मोज़िला फायरफॉक्स को 4.26 प्रतिशत लोग इस्तेमाल करते हैं। क्रोमियम पर यदि देखें तो विवाल्डी और ओपेरा लोगों की पहली पसंद बने हैं। क्रोम की लोकप्रियता का कारण है कि इस ने गूगल ट्रांसलेशन के साथ-साथ अन्य कई फीचर्स ऐड किये हैं जिसके कारण यूज़र्स क्रोम से बाहर नही निकल पाते हैं।
साल 2003 में आए मोज़िला फायरफॉक्स ने ब्राउज़िंग की दुनिया का नया अध्याय लिखना शुरू कर दिया था। और लोग धीरे धीरे इसकी ओर आकर्षित होने लग गये थे। इसके ठीक 5 साल बाद 2008 में गूगल क्रोम के आने से इंटरनेट एक्स्प्लोरर का बाज़ार सिमटने लगा और इसके यूज़र्स में कमी होने लगी।
अब कम्पनी ने फैसला लिया है कि इंटरनेट एक्स्प्लोरर को सपोर्ट नहीं करेगी और यह प्रक्रिया 30 नवंबर से शुरू कर दी जाएगी। यानि माइक्रोसॉफ्ट (365) ऐप्स और सर्विसेस अब किसी भी तरह से इंटरनेट एक्स्प्लोरर को सपोर्ट नहीं करेंगे और न ही कोई नया अपडेट लाएंगे। हालांकि इस के बन्द होने से 4.23% यूज़र्स ही इस से प्रभावित होंगे और one drive, outlook और ऑफिस 365 जैसी सर्विस का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
Microsoft 365 ने 17 अगस्त 2021 को इंटरनेट एक्स्प्लोरर के लिए समर्थन समाप्त कर दिया था और माइक्रोसॉफ्ट टीम्स ने IE के लिए 30 नवंबर 2020 को समर्थन समाप्त कर दिया। रिपोर्टों के अनुसार, इंटरनेट एक्स्प्लोरर 15 जून 2022 को बंद करने के लिए तैयार है। वहीं, इंटरनेट एक्स्प्लोरर के बंद होने के बारे में जानकर सोशल मीडिया पर यूजर्स अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं। यूजर्स इंटरनेट एक्स्प्लोरर को मिस करने की बातें कर रहे हैं।
अल्टरनेटिव यानी इंटरनेट एक्सप्लोरर के स्थान पर क्या लाया जाएगा?
इंटरनेट एक्सप्लोरर के लिए नए फीचर डेवलपमेंट को 2016 में नए ब्राउजर माइक्रोसॉफ्ट एज के आने के बाद बंद कर दिया गया था। यह पहली बार था जब माइक्रोसॉफ्ट ने इंटरनेट एक्सप्लोरर को धीरे-धीरे बंद करने की योजना बनाई। माइक्रोसॉफ्ट एज क्रोमियम आधारित ब्राउज़र है।
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