Ranji Trophy Final : 88 साल का सपना पाले मध्य प्रदेश की टीम ने फाइनल में मुम्बई को 6 विकेट से हराकर अपनी मेडेन रणजी ट्रॉफी जीत ली है.
Ranji Trophy Final : रणजी ट्रॉफी फाइनल में मध्य प्रदेश ने इतिहास रच दिया है. रणजी ट्रॉफी का 88 साल का सपना पाले मध्य प्रदेश की टीम ने फाइनल में मुम्बई को हराकर अपनी मेडेन रणजी ट्रॉफी जीत ली है. मध्य प्रदेश की रणजी ट्रॉफी जीत एक ऐतिहासिक क्षण है. इस से पहले मध्य प्रदेश ने अपना रणजी ट्रॉफी फाइनल 22 साल पहले खेला था जो कि वे जीत नहीं पाए थे. बताते चलें कि मुम्बई वही टीम है जिसने 41 बार ये ख़िताब अपने नाम किया हुआ है.
एम चिन्नास्वामी स्टेडियम बेंगलुरु में खेले गए रणजी ट्रॉफी के इस फाइनल मैच में पृथ्वी शॉ की कप्तानी वाली मुम्बई ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फ़ैसला किया था. मैच की पहली पारी में मुम्बई की शुरुआत बेहद अच्छी रही थी. मगर मिडल ओवर्स में यह पारी लड़खड़ाने लगी, मध्य प्रदेश ने ज़रूरी विकेट निकाले और मैच में वापसी की. हालांकि यशस्वी जायसवाल के 78 और सरफ़राज़ खान की 134 रन की पारी की मदद से मुम्बई ने पहली पारी में 374 रन बना लिए. सरफ़राज़ का शतक इस सीजन का चौथा शतक था.
यश दुबे, शुभम, रजत ने खेली शतकीय पारी
जवाब में उतरी मध्य प्रदेश की टीम ने जबरदस्त शुरुआत की ओपनर यश दुबे ने 133 रन की पारी खेली, हिमांशु मंत्री हालांकि 31 रन बनाकर तुषार देशपांडे की गेंद पर बोल्ड हो गए. लेकिन जैसे इस विकेट से मध्य प्रदेश को फर्क नहीं पड़ा. इनके बाद शुभम शर्मा और रजत पाटीदार ने पारी को आगे बढाया. जहां शुभम ने 116 तो वहीं रजत ने 122 रन बनाए. बाद में सारांश जैन ने भी 57 रन की अहम पारी खेली जिस की वजह से मध्यप्रदेश ने पहली पारी में 536 रन बना लिए.
पहली पारी में मध्य प्रदेश की ओर से गौरव यादव ने सबसे ज़्यादा चार विकेट निकाले, वहीं अनुभव अग्रवाल ने 3 सारांश जैन ने 2 और कुमार कार्तिकेय ने 1 विकेट लिए. मुम्बई की गेंदबाजी की बात करें तो शम्स मुलानी ने सर्वाधिक पांच विकेट लिए. साथ ही तुषार देशपांडे ने 3 और मोहित अवस्थी ने 2 विकेट निकाले.
दूसरी पारी में एक बार शॉ का बल्ला नहीं चला ,वे 44 के निजी स्कोर पर आउट हो गए. दूसरी पारी में मुम्बई की टीम की ओर से सिर्फ़ सुवेद पार्कर ही 51 रन बना सके उनके सरफ़राज़ ने 45 रन बनाए. दूसरी पारी में 269 रन बनाकर मुम्बई की टीम आल आउट हो गई, मध्य प्रदेश की ओर से कुमार कार्तिकेय ने 4 एवं गौरव यादव -पार्थ साहनी ने 2-2 विकेट चटकाए.
मध्य प्रदेश को जीत के लिए 108 रनों की आवश्यकता थी जिसे दूसरी पारी में मध्य प्रदेश के बल्लेबाज़ों ने आसानी से हासिल कर लिया. मध्य प्रदेश ने पहला विकट यश दुबे के रूप में जल्द ही गंवा दिया, उन्हें धवन कुलकर्णी ने आउट किया . उसके बाद शुभम शर्मा और हिमांशु मंत्री ने साझेदारी बनाई. हिमांशु शम्स मुलानी की गेंद पर 37 रन बनाकर बोल्ड हुए. उन के बाद पार्थ साहनी भी जल्द ही आउट हो गए. शुभम शर्मा 30 रन बनाकर आउट हो गए अंत मे रजत पाटीदार ने अंत तक खेल कर मध्य प्रदेश को फाइनल में जीत दिला दी.
चेज़ के साथ ही 88 साल के इतिहास में मध्य प्रदेश ने पहली बार अपना रणजी ख़िताब जीत लिया. यह मध्य प्रदेश के लिए गौरव का पल तो है ही, भारतीय क्रिकेट के लिए भी ऐतिहासिक क्षण है, कि कमज़ोर समझी जाने वाली टीमें अब उदित हो रही हैं, और उन टीमों को चुनौती दे रही हैं जिनका दबदबा घरेलू क्रिकेट में हमेशा से बना रहा है.
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