Kargil Vijay Diwas: 26 जुलाई यानि कारगिल विजय दिवस. साल 1999 में आज के दिन ही भारतीय सेना ने ‘आपरेशन विजय’ को सफलता पूर्वक अंजाम दिया था. और इसी दिन की याद में हर बरस 26 जुलाई के दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. Kargil Vijay Diwas: जब पीठ में घोंपा […]
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Shree Krishna: आख़िर क्यों कौरवों की माँ गांधारी ने श्री कृष्ण को दिया था श्राप और वह क्या श्राप था?Shree Krishna: धर्म की अधर्म पर जीत के इस युद्ध में भगवान श्री कृष्ण का बहुत बड़ा योगदान रहा है Shree Krishna: महाभारत हिन्दू धर्म का एक बहुत ही पवित्र ग्रन्थ है. मगर क्या आप जानते हैं कि इस युद्ध में स्वयं श्री कृष्ण को भी एक श्राप दिया गया था.यह श्राप भगवान कृष्ण को […]
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Raghunath Mahto: चुआड़ विद्रोह का वो महानायक जिसने अपनी गुरिल्ला युद्धनीति के दम पर अंग्रेजी हुकुमत को हिला डाला थाRaghunath Mahto: 5 अप्रैल,1778 की रात राँची जिला अन्तर्गत सिल्ली प्रखंड के लोटा पहाड़ के निकट एक सभा हो रही थी,अचानक तेज़ गोलीबारी की आवाज़ से पूरा इलाका गूँज उठता है। जब गोलीबारी रुकती है तो चुआड़ विद्रोह के महानायक रघुनाथ महतो इस मुठभेड़ में शहीद हो चुके होते हैं। झारखंड की पावन भूमि सिर्फ […]
आज का इतिहास
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Batukeshwar Datt: बटुकेश्वर दत्त : जिनके लिए भगत सिंह ने कहा कि मैं अपना एक अंश बटुकेश्वर दत्त में छोड़ जा रहा हूँBatukeshwar Datt: भगत सिंह ने यह पत्र अपने साथी “बत्तू” को लिखा था. बत्तू मतलब बटुकेश्वर दत्त. Batukeshwar Datt: सेण्ट्रल जेल, लाहौर अक्टूबर, 1930 प्रिय भाई, मुझे सज़ा सुना दी गयी है और फाँसी का हुक्म हुआ है। इन कोठरियों में मेरे अलावा फाँसी का इन्तज़ार करने वाले बहुत-से मुजरिम हैं। ये लोग यही प्रार्थनाएँ […]
आज का इतिहास
करेंट अफेयर
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Mangal Pandey: वो क्रांतिवीर जिसके नाम पर अंग्रेज़ों ने विद्रोहियों को “पांडेय” बुलाना शुरू कर दियाMangal Pandey: बंगाल नेटिव इन्फेंट्री के सिपॉय नम्बर 1446 मतलब शहीद मंगल पांडेय. आज मंगल पांडेय का जन्मदिन है. Mangal Pandey: साल 1857. दिन 8 अप्रैल का है. सिपॉय नम्बर 1446 को फाँसी दी जा रही है. उसके साथियों के सामने. ऐसा करने का कारण यह था कि अंग्रेज उस के साथियों के आगे नज़ीर […]
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Sawan: आखिर सावन में क्यों होती है भगवान शिव की पूजा? आइए जानते हैं इसका महत्वSawan: श्रावण मास या सावन के महीने का हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व है. Sawan: श्रावण मास को लेकर यूँ तो कई सारी पौराणिक कथाएं आपको धर्म ग्रन्थों में मिल जाएंगी. इन सभी कथाओं में कुछ प्रमुख पर आज हम चर्चा करेंगे. आइये जानते हैं श्रावण मास के महत्व से जुड़ी कुछ प्रमुख कथाएं. श्रावण […]
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Shree Krishna: कृष्ण ने आखिर क्यों नहीं बचाया अपने भांजे अभिमन्यु को ?Shree Krishna: महाभारत का माहायोद्धा अभिमन्यु एक असाधारण योद्धा था जिसने अकेले दम पर कौरवों की प्रधान सेना को उनके अनुभवी ज्ञानी और सम्पन्न रणबांकुरे पर सवाल खड़े करने पर मज़बूर कर दिया । Shree Krishna: महाभारत की कहानियाँ सबने सुनी हैं। उन कहानियों की कुछ बातें हमे प्रेरणा से भर देती हैं तो वहीं […]
वायरल
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Rajendra Lahiri : क्रांति की राह में धर्म रोड़ा न बने इसलिये ब्राह्मण क्रांतिकारी ने बीफ एवं पोर्क तक खा लिया” बाराबंकी गोंडा जेल में रहने के पश्चात मुझे यह सूचना प्राप्त हुई है कि मुझे एक हफ़्ते में फाँसी दे दी जाएगी. अब मुझे महसूस होता है कि यह मेरा कर्तव्य है कि मैं अपने सभी परिजनों और शुभ चिंतकों के प्रति आभार व्यक्त करूँ जिन्होंने मेरे लिए वकालत की. आप सभी मेरा नमस्कार […]
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Walid ki wafat par/ वालिद की वफ़ात पर/ والد کی وفات پرतुम्हारी क़ब्र पर मैं फ़ातिहा पढ़ने नहीं आया मुझे मालूम था तुम मर नहीं सकते तुम्हारी मौत की सच्ची ख़बर जिस ने उड़ाई थी वो झूटा था वो तुम कब थे कोई सूखा हुआ पत्ता हवा से मिल के टूटा था मिरी आँखें तुम्हारे मंज़रों में क़ैद हैं अब तक मैं जो भी देखता हूँ […]
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झांसी की रानी : महारानी लक्ष्मीबाई के शहीदी दिवस पर पढ़ें सुभद्रा कुमारी चौहान की लिखी कवितासिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानीबूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी, गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी। चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी […]
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छोटी कहानियों का बड़ा लेखक: चेख़व“चेख़व इस दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कहानीकार हैं।” – मुंशी प्रेमचंद दक्षिणी रूस में अज़ोव सागर पर मौजूद एक बन्दरगाह टैगान्रोग में 29 जनवरी 1860 को जन्मे एंटेनो पावलोविच चेखव के लिये मुंशी प्रेमचंद की कही गई यह बात कहीं से भी अतिशयोक्ति नहीं लगती। चेखव के पिता एक दुकानदार थे और चेखव की माँ एक […]
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पढ़िए अनु द्वारा रचित हाइकू : हाइकूउदास मनये ज़र्द पतझड़तुम्हारी यादें शाम उतरीनीलापन समेटेकिसने डसा? खाली कमरासरसराती हवाजैसे आहट बेजान आँखेंसूनी रहगुज़रप्रतीक्षारत सावन आयामगर तुम नहींफीका सावन मुमकिन हैतुम्हारा लौट आनाझूटा दिलासा सियाह माज़ीपीले पड़ते ख़तबे-रंग हिज्र सूखते फूलशोक संतप्त वृक्षविरह गीत अनु
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पुण्यतिथि विशेष: आदिवासियों का धरती आबा ‘बिरसा मुंडा’बिरसा मुंडा. झारखंड के मुंडा विद्रोह के नायक। इतिहास की किताबें कहती हैं कि इन्होंने आदिवासी समाज को संगठित किया, बाहरी ठेकेदार और अंग्रेज अफसरों के ख़िलाफ़ जंग छेड़ी। जिसे उलगुलान कहा गया। गिरफ़्तार हुए और जेल में ही संदिग्ध परिस्थितियों में शहीद हो गए।पाठ्यपुस्तकों में बिरसा का जीवन परिचय सिर्फ़ इतना ही मिलता है। […]
साहित्य
क्या कर्ण सच में उतने ही महान हैं जितना हमें दिखाया गया?कर्ण को लेकर भारतीय मानस में बहुत सारी भ्रंतियाँ प्रसृत हैं। जिसका कारण संस्कृतेतर कवियों की कविताएं और टीवी सीरियल्स में दिखाई गई बातें हैं, हिंदी के महान कवि श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की रश्मिरथी में भी बहुत सारी बातें उनकी अपनी कल्पना की उपज हैं, जो कि एक काव्य में आवश्यक भी हैं, […]
ग्लोबल
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वर्ल्ड साईकल डे पर जानिए साईकल से जुड़े कुछ अनोखे व मजेदार फैक्ट:3 जून मतलब विश्व साईकल दिवस. साल 2018 में इस दिन को विश्व साईकल दिवस के रूप में चुना गया। जब संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार अप्रैल में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72 वें नियमित सत्र के दौरान एक प्रस्ताव अपनाया । इस को 193 से अधिक सदस्य राज्यों द्वारा […]
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सुनो सुभाश्री!तुम्हारा आना एक दो एक नम्बर की जर्जर बस पकड़करजिसमें पाँव रखने की जगह नहीं मिलतीऔर पिता को बहाने देना किसखी के साथ जा रही हूँकपड़े लेनेशनिचरी हाट में मैं भी कितने हील-हुज्जत के बाद छूट पाता हूँघर से मोगरे लेता हूँराह सेनोट तुड़वाकरजो शेव के लिए जमा रखा थाकविता करने तक ठीकपर माँ जल […]
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