“आपातकाल की घोषणा होने से महज चार महीने पहले इंडियन एक्सप्रेस अख़बार ने भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता और लचीलेपन की तारीफ़ में कसीदे पढ़े थे. मगर अगले चार महीनों में ही सब कुछ उलट गया. भारतीय लोकतंत्र साल 1975 में कश्मीर घाटी और भारतीय संघ में सद्भाव तो बना सकता था मगर उस में इतनी […]
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